भारत में दोषियों को सजा देने के लिए भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) नामक एक पुस्तक तैयार की गई है इस पुस्तक के अनुसार कि दोषियों को विभिन्न विभिन्न अपराधों में सजा दी जाती है।

भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी के धारा 302 के अंतर्गत यह प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति ने किसी की हत्या की है तो से आजीवन कारावास, मृत्युदंड या जुर्माने लगाकर सजा सुनाई जाती है।

हत्या एक ऐसा अपराध है जो माफी योग्य नहीं है तथा इसमें कड़ी से कड़ी सजा सुनाए जानी चाहिए।

किसी की भी जान लेने का किसी दूसरे व्यक्ति को कोई अधिकार नहीं होता चाहे परिस्थितियां जो भी हो इस कारण भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत बनाए गए सजा के प्रावधान बिल्कुल सही है पता भारत में यही मान्य है

हम आपको धारा 302 के विषय में बताएंगे किस का क्या दंड है यह दंड कितना कठोर है तथा इसमें किस प्रकार जमानत होती है।

धारा 302 के अंतर्गत भारत में आजीवन कारावास तथा जुर्माने का प्रावधान है तो पड़ोसी देश में भी हत्या के अपराध के लिए यह प्रावधान किए गए हैं

जिस कारण यह स्पष्ट हो जाता है कि भारतीय दंड संहिता पड़े पड़ोसी देशों ने ज्यों की त्यों अपना लिए है।

न्यायालय में धारा 302 के अंतर्गत सुनवाई में पुलिस को यह स्पष्ट करना होता है की अपराधी ने किस इरादे से किसी दूसरे व्यक्ति की हत्या की है।

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